मुशायरे में एक शायर ने अपना क़लाम सुनाते हुए पढा-
"ये दिल है, ये जिगर है, ये कलेजा"
गौर फ़रमाएं-
"ये दिल है, ये जिगर है, ये कलेजा",
"ये दिल है, ये जिगर है, ये कलेजा",
लोगों में से किसी ने आवाज़ उठाई-
"खस्सी लाया है सौगात क्य-क्या"
महंगाई के दौर में एक राहत की सांस