तुम्हारी माँग भरने को सितारे तोड़कर लाता,
बहा डाले तुम्हारी याद में आँसू कई गैलन,
अगर तुम फ़ोन न करतीं यहाँ सैलाब आ जाता,
तुम्हारे नाम की चिट्ठी तुम्हारे बाप ने खोली,
उसे उर्दू जो आती तो मुझे कच्चा चबा जाता,
तुम्हारी बेवफाई से बना हूँ टाप का शायर,
तुम्हारे इश्क में फँसता तो सीधे आगरा जाता,
ये गहरे शे’र तो दो वक़्त की रोटी नहीं देते,
अगर न हास्य रस लिखता तो हरदम घास ही खाता,
हमारे चुटकुले सुनकर वहाँ मज़दूर रोते थे,
कि जिसका पेट खाली हो कभी भी हँस नहीं पाता,
मुहब्बत के सफर में मैं हमेशा ही रहा वेटिंग,
किसी का साथ मिलता तो टिकट कन्फर्म हो जाता,
कि उसके प्यार का लफड़ा वहाँ पकड़ा गया वर्ना,
नहीं तो यार ये क्लिंटन हज़ारों मोनिका लाता....
- Hullad Moradabadi