वो मेल करें चाहे न करें हम आस लगाए रहते हैं
इतना तो बता दे  कोई  हमें, क्या ..........
रिप्लाई देने मे  लेज़ी वो  
हफ्तों तक बात नही होती 
अब तो आलम ये के ख्वाबों में 
हम चैटिंग करते रहते हैं
वो मेल करें चाहे न करें हम आस लगाए रहते हैं
इतना तो बता दे  कोई  हमें, क्या ..........
मेलबॉक्स हमारा खाली है
हम जानते तो है हाय मगर
जब तक नेट कनेक्ट न हो जाए
हम माथा पीटते रहते हैं
2 comments:
उत्तम पैरोडी.. समसामयिक विषयों पर पैरोडी के लिए पधारें नेटशाला पर
uff...yumma !
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