Thursday, 25 December 2008

ये दिल है, ये जिगर है, ये कलेजा..

मुशायरे में एक शायर ने अपना क़लाम सुनाते हुए पढा-

"ये दिल है, ये जिगर है, ये कलेजा"

गौर फ़रमाएं-

"ये दिल है, ये जिगर है, ये कलेजा",

"ये दिल है, ये जिगर है, ये कलेजा",


लोगों में से किसी ने आवाज़ उठाई-


"खस्सी लाया है सौगात क्य-क्या"

3 comments:

Vinay said...

वाह-वाह

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चाँद, बादल और शाम
http://prajapativinay.blogspot.com/

"अर्श" said...

ha ha ha bahot khub.....

द्विजेन्द्र ‘द्विज’ said...

बहुत अच्छे
!
आनन्द आया.

द्विजेन्द्र द्विज