Monday, 9 February 2009

तुम्हारा छोकरा तो लोफ़र दिखाई देता है...

जो उनके हाथ में पेपर दिखाई देता है,
वो खाकसार का लेटर दिखाई देता है,

हज़ार बार तुम करो तारीफ़ लेकिन मौलाना,
तुम्हारा छोकरा तो लोफ़र दिखाई देता है,

कहीं ये मेरी वफ़ाओं का सिला तो नहीं है,
जो ओखली में मेरा ही सर दिखाई देता है,

ये कपडे पहनने का ढब तुम्हारा माशाअल्लाह!,
तुम्हारा जिस्म तो क्लीयर दिखाई देता है,

जतन हज़ार किये तब जा के चढीं हाँडियाँ,
भूखे नंगों को तो बस लंगर दिखाई देता है,

मिलेगा 'पद्म-श्री' का अवार्ड 'सस्ते' को,
ये तो 'A' ग्रेड का जोकर दिखाई देता है...

6 comments:

Vinay said...

बहुत ख़ूब साहब





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गुलाबी कोंपलें

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

wah-wah, once more.

परमजीत सिहँ बाली said...

वाह! बहुत ही बढिया ।

bijnior district said...

शानदार

दिगम्बर नासवा said...

भाई वाह............लाजवाब इस मंहगाई के दौर में अगर हँसी बिन मांगे मिले तो क्या कहने.........
लाजवाब ग़ज़ल.......

Anonymous said...

laugh laugh laugh..its good for health and u can also loose ur weight...good gazal..thanks for the same.

I think writing in Hindi in present tools are really difficult.there we have to follow the tables. a layman can't use it.So do u know any other Indian language typing tool for typing in Indian Language..? And also i think that the present tool which u r using will consume more time..is it not so..?