Monday 17 August 2009

किस्सा यूँ है कि एक जाट सुन्दरी को एक ब्राह्मण युवक से प्यार हो जाता है. लड़का स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करता था और उस जाटनी को समझा बुझा के वापस लौटा देना चाहता था. तो उस युवक ने उस युवती को क्या सुझाव दिया, देखते हैं-

हरयाणा के ट्रक की मेरी कार से टक्कर छोड़ दे,
सुन ऐ जाट सुन्दरी ब्राह्मण का चक्कर छोड़ दे,

जिससे तुझे मुहब्बत है वह है स्वास्थ्य विभाग में,
हो सकता है वो तेरे घर में मच्छर छोड़ दे,

उसके पास न तो कार है न कोई बैंक बैलंस,
हूँ मैं पूरा ही कंगाल और फ़क्कड छोड़ दे,

मुझे अगर छुएगी तो डायबीटीज़ हो जायेगा,
इक अर्से से है बीमारी-ए-शक्कर छोड़ दे...

तो इसपर युवती का जवाब आता है-

तेरे इतने पास आ गई हूँ की अब दूर जाना कठिन है,
तुझे अगर डायबीटीज है तो मुहब्बत मेरी इंसुलिन है !!

1 comment:

वेद रत्न शुक्ल said...

कहीं जातिवाद के फेर में न फंस जायं।