दोस्ती इन्सान की ज़रूरत है !
दिलों पे दोस्ती की हुक़ुमत है !!
आपके प्यार की वजह से ज़िन्दा हैं !
वर्ना खुदा को भी हमारी ज़रूरत है !!
इससे पहले कि दिल में नफ़रत जागे,
आओ इक शाम मोहब्बत में बिता दी जाय
करके कुछ मोहब्बत की बातें
इस शाम की मस्ती बढ़ा दी जाय
न जाने तुम पे इतना यकीं क्यौं है?
तेरा ख्याल भी इतना हसीं क्यौं है,
सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है,
तो आँखों से निकले ये आँसू नमकीन क्यौं है !!
सभी को सब कुछ नहीं मिलता !
नदी की हर लहर को साहिल नहीं मिलता !!
ये दिल वालों की दुनियाँ है दोस्त !
किसी से दिल नहीं मिलता !!
तो कोई दिल से नहीं मिलता !
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3 comments:
Saste nahee sundar sher.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
Antim muktak Late Shri Sarvan Rahi ji ka hai jo galat likha hua hai sahi muktak ye hai:
जमाने में सभी को तो सभी हासिल नहीं मिलता
नदी की हर लहर को सदा साहिल नहीं मिलता
ये दिलवालों की दुनिया है अजब है दास्ताँ इसकी
कोई दिल से नहीं मिलता किसी से दिल नहीं मिलता
ये सस्ते शेरों का भी ज़वाब नहीं
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