Sunday, 22 August 2010

पर सपने उनके आये तो रातों का क्या कुसूर

सस्ते शेर में एक शेर गुडनाइट वाला.......जिसे किसी अनाम ने लिखा है आज सस्ते शेर में चिपका रहा हूँ।



नज़रें उन्हें देखना चाहें

 तो उनका क्या कुसूर ?

हर वक़्त खुश्बू उनकी आये

 तो सांसों का क्या कुसूर ?

वैसे तो सपने पूछ कर  नहीं आते,

पर सपने उनके आये तो रातों का क्या कुसूर?

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