Tuesday 6 April 2010

खुदा कसम.... बहुत ही सस्ता

मच्छरों ने हाय ये क्या कांड कर डाला,
अच्छे भले आदमी को भांड कर डाला....
दफ्तर की उलझने क्या पहले ही कुछ कम थीं,
गृहस्थी के बोझ ने तो हमें सांड कर डाला....
देखा जो हमने दोस्तों को तितलियों के साथ,
अपने भी दिल ने फौरन डिमांड कर डाला.......
किस्मत थी लेकिन फूटी, बीवी की पड़ी जूती,
बैठे बिठाए हमने लचांड कर डाला।

8 comments:

वीनस केसरी said...

दफ्तर की उलझने क्या पहले ही कुछ कम थीं,
गृहस्थी के बोझ ने तो हमें सांड कर डाला....

हा हा हा

दिलीप said...

bahut khoob maza aa gaya....

http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/

Shekhar Kumawat said...

गृहस्थी के बोझ ने तो हमें सांड कर डाला....


bahut sundar

wow !!!!!!!!!!


shekhar kumawat

http://kavyawani.blogspot.com/

दीपक गर्ग said...

जो मन आये परोसिये ,कैसा भी हो.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

वाह वाह

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

वाह-वाह-वाह-वाह-वाह......

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बूझ सको तो बूझो- कौन है चर्चित ब्लॉगर?
पत्नियों को मिले नार्को टेस्ट का अधिकार?

Rajeev Bharol said...

"गृहस्थी के बोझ ने तो हमें सांड कर डाला...."

बहुत अच्छे. ये वाकया तो मेरी दास्ताँ से मिलता है. ;)

Anonymous said...

दिल को छू गया जी, बधाई।
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क्या आप बता सकते हैं कि इंसान और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
अगर हाँ, तो फिर चले आइए रहस्य और रोमाँच से भरी एक नवीन दुनिया में आपका स्वागत है।