Friday, 23 January 2009

मत जान बूझ अनजान बनो

मत जान बूझ अनजान बनो

तुम हो मेरी जीवन रेखा
न मरने का सामान बनो
मत जान बूझ अनजान बनो

मैं बनू तुम्हारी केटरीना
और तुम मेरे सलमान बनो
मत जान बूझ अनजान बनों

मैं बन जाऊं पालक-पनीर
तुम पूरी या फ़िर नॉन बनों
मत जान बूझ अनजान बनों

जहाँ मुर्दे भी रोमांस करें
तुम ऐसा कब्रिस्तान बनों
मत जान बूझ अनजान बनों

1 comment:

Anonymous said...

sahi hai :-)