एक बार फ़िर अपने शादी-शुदा दोस्तों का हाल-ए-दिल बयान करने वाले चार शे'र पेश कर रहा हूँ. उम्मीद है ये शे'र उनके दर्दे-जहाँ, दर्दे-ज़ीस्त, और दर्दे-बीवी पर मरहम का काम करेंगे :-)
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मेरी बेगम ने झोंक दी हैं सालन में वो मिर्चें,
निवाला मुँह में रखता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं,
शादी की ये तस्वीरें बड़ी मुश्किल से ढूँढी हैं,
मैं अब इनको पलटता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं,
जमा-पूँजी मैं बिस्तर के सिरहाने रख के सोता था,
वहाँ अब हाथ रखता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं,
मेरी शादी मेरी लग्ज़िश थी या गलती थी वालिद की,
मैं बीवी से जब ये सुनता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं...
6 comments:
:):) bahut khub
bhai wah, khair ab aapki aankhe n bheegen, yahi dua karenge
साब जी, एक शेर हमारी भी सुन लो
तेरे इश्क में पहाड़ों की क्या बिसात जानम
प्रैक्टिस में रोजाना बिस्तरों से कूदा करता हूं
दाद तो दीजिए जनाब
नहीं देंगे :)
तो इसे पढ़ें http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/3689614.cms
navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/3689614.cms
मैं सस्ते शेर की महफ़िल में आकर खूब हंसता हूँ
तुम्हारा दर्द पढता हूँ तो आंखे भीग जाती हैं ।
@ अनुराग ji,
aapko hamaaraa dher saaraa thankU lage...saath hi daad khaaj khujlee bhi :-)
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