दुनिया अपने को बहुत सता रेली है,
बात बात पे अपनी हटा रेली है,
जूली माल तो अपना खाती है,
पर सुना है पप्पू को घुमा रेली है,
कितना भी पी लो साला चढती ही नही,
दारू भी डुप्लीकेट आ रेली है,
मटके का माल भर के बोतल में,
मक्डावेल का लेबल आंटी लगा रेली है,
पुलिस भी जब दिल करे उठा रेली है,
बिना किसी लोचे के फ़टके लगा रेली है,
सूनसान इलाके में कहीं ले जाकर,
अच्छे अच्छों को टपका रेली है,
बिना किसी लोचे के फ़टके लगा रेली है,
सूनसान इलाके में कहीं ले जाकर,
अच्छे अच्छों को टपका रेली है,
आजकल भाई लोगों की इज़्ज़त भी जा रेली है,
पाकेटमार को भी मीडिया डाँन बुला रेली है,
अपुन भी सोच रेला है पोलिटिक्स जायन करने का,
काम वोइच पर इज़्ज़त से डबल इन्कम आ रेली है,
पाकेटमार को भी मीडिया डाँन बुला रेली है,
अपुन भी सोच रेला है पोलिटिक्स जायन करने का,
काम वोइच पर इज़्ज़त से डबल इन्कम आ रेली है,
चलो भाई लोग अपुन अभी चलता है,
सलमा अपुन को बुला रेली है,
"सस्ता" मिले तो बोलना चमाट खायेगा मेरे हाथ से,
आजकल उसे ज़्यादा समझ में आ रेली है.....
सलमा अपुन को बुला रेली है,
"सस्ता" मिले तो बोलना चमाट खायेगा मेरे हाथ से,
आजकल उसे ज़्यादा समझ में आ रेली है.....
10 comments:
बहुत बढिया दोस्त....मज़ा आ गया..
वाह हल्का फुल्का लेकिन मजेदार.
गुरु मटके का माल हो या मक्डावेल का, नशा तो पूरा लगेला है।
Good Post
Shyari is here plz visit karna ji
http://www.discobhangra.com/shayari/romantic-shayri/
Hi,
I was not aware till last evening that we have such a heart-warming blogsite in Hindi. It is such a pleasant surprise! My heartiest compliments to the author of Mumbaiya ishtyle poem.
But who does one type here in Devanagari?
आजकल भाई लोगों की इज़्ज़त भी जा रेली है,
पाकेटमार को भी मीडिया डाँन बुला रेली है,
अपुन भी सोच रेला है पोलिटिक्स जायन करने का,
काम वोइच पर इज़्ज़त से डबल इन्कम आ रेली है,
..... छा गये , कमाल की अभिव्यक्ति है।
wah wah kya kavita bana reli hai
सुभान अल्लाह!!!
are sahab maza aagyaa
bot badhia
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