Saturday 9 May 2009

क़लम & कलम...

यूँ भी नौजवानों से मायूस है अहल-ए-क़लम,

जबकि मेरा मशवरा एक नौजवाँ को भा गया,

मैनें कहा हज़रत क़लम पर भी तवज्जो दीजिए,

अगले ही हफ़्ते नौजवाँ कलमें बढा कर आ गया !!

3 comments:

शेफाली पाण्डे said...

wah wah...us naujavaan ko salaam...

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

ऐसे नौजवान को नमस्ते जी.

Anonymous said...

wah! us naujawan ki lateral thinking ko salaam