Saturday 13 June 2009

मोहब्बत जुर्म नहीं अगर की जाए उसूल से

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मोहब्बत जुर्म नहीं अगर की जाए उसूल से
ख़ुदा को भी तो मोहब्बत थी अपने रसूल से
लेकिन अबकी बार ईद पर हमारे सितारे हमारी हड्डियां तुड़वा गए
हम चाँद के नजारे में खोए थे और चाँद के अब्बू वहीं पर आ गए.

(कहीं से उड़ाया है, जाओ नहीं बताते)

5 comments:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

मोहब्बत जुर्म नहीं अगर की जाए उसूल से
और भी अच्छा है गर शुरू की जाए स्कूल से.

मुनीश ( munish ) said...

marhaba! oonchee baat!

डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल said...

wah! waah! waaah!

Vishwas said...

अजी किस्मत वाले हैं हुज़ूर आप,

जो जुर्म से पहले ही सजा मुकुरर्र हो गयी,
महबूब से पहले अब्बू की मेहर हो गयी!!! :-)

Shailendra said...

ha ha ha झक्कास