Friday 19 June 2009

तू मुझको टिपिया सनम, मैं तुझको टिपियाउं

इन दिनों हमारे ब्‍लाग जगत में एक अजीब सी परंपरा चल रही है । ये परंपरा है महान बनाने की परंपरा । अ की टिप्‍पणी ब को मिलती है कि आप महान हैं तो जवाब में ब की भी नैतिक जिम्‍मेदारी होती है कि वो भी अ को ऐसी ही टिप्‍पणी दे । सब एक दूसरे को महान बनाने में जुटे हैं । आइये इसी पर एक कुंडली नुमा रचना देखें ।

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तू मुझको टिपिया सनम, मैं तुझको टिपियाउं

तू महान बन जायेगा, और मैं भी हो जाउं

'और मैं भी हो जाउं', मेरे बनवारी सैंया

देकर टिप्‍पणियों  का बादल, कर दे छैंया

कह 'धौंधू कवि', ये है टिप्‍पणियों का जादू

तू कहता मैं आलिम हूं और मैं कहता तू

22 comments:

नीरज गोस्वामी said...

दुनिया का यही दस्तूर है गुरुदेव...इस हाथ दे उस हाथ ले....ब्लॉग जगत उस दस्तूर से अलग कैसे रहेगा?
नीरज

Unknown said...

आप तो "महान" हैं, आप महान कवि ब्लॉगर हैं, आप महान लेखक हैं… :) :)

Anonymous said...

आप हमे महान कहो हम आपको और जो इसमे शामिल नही चलिये उनको धमका कर आते है

Anonymous said...

आप हमे महान कहो हम आपको और जो इसमे शामिल नही चलिये उनको धमका कर आते है

Science Bloggers Association said...

लीजिए मैंने आपकी बात मान ली, अब क्‍या आप अपना वादा निभाएंगे।

ह ह हा।

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

निशांत मिश्र - Nishant Mishra said...

आप मुझ से ज्यादा महान हैं.

अमिताभ मीत said...

डेढ़ सौ टिपियाय देयो, सौ तो मिलें जवाब
कद्दू-कोंहड़ा कुछ भी ही, कहिये अहा कबाब
जब लिखने का ध्येय हो अर्जित करें कमेन्ट
टिपिआऊ बन जाइए पहले परमानेंट
औ 'धौंधू कवि' आलिम तो वो ही है जग मांहि
जो ये जाने हर इक पोस्ट पे कैसे ठुसे कमेन्ट

Murari Pareek said...

ठीक है अभी किसी और को नहीं टिपियायेंगे आप ही को टिप्पियायेंगे आप बदले में मत टिपियाइएगा | क्यूंकि महान तो सिर्फ आप ही हैं!! क्या करूँ मेरी तो आदत है मजाक करना!! हा.. हा.. हा..

रविकांत पाण्डेय said...

गुरूदेव एक कहावत याद आ रही है-

उष्ट्रानां विवाहेषु गीतं गायन्ति गर्दभाः
प्रस्परं प्रसंशन्ति अहो रूपम अहो ध्वनिः

अर्थात ऊंट के विवाह में गधा गायक और फ़िर दोनों एक दूसरे की पसंशा करें-क्या रूप है!! क्या ध्वनि है!!

drdhabhai said...

हमारे यहां प्राईवेट स्कूलों वाले भी ऐसे ही करते हैं...कि तुम मेरे बच्चों को टिपाओ मै तुम्हारे बच्चों को ......

Vinay said...

गुरु जी आपने टिप्पियाया
और हम चले आये...

---
चर्चा । Discuss INDIA

डॉ. मनोज मिश्र said...

पोस्ट का विषय समकालीन है .

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

तो लो, मैं टिपिया दिया हूँ,
अब आपकी बारी है....
परंपरा का निर्वहन करने की :-)
ज़रूर आना जी :-)

वीनस केसरी said...

अरे वाह ऐसा लेखन तो मैंने आज तक नहीं देखा :)
अब आपकी बारी है :)
अरे खुद समझिये :)
वीनस केसरी

शरद कोकास said...

भले ही व्यंग्य मे कहा हो आपने लेकिन कहा तो सत्य ही है

श्यामल सुमन said...

मेरी पीठ खुजाओ और मैं तेरी पीठ खुजाऊँ।
एक दूजे पर टिप्पणी करके वाह वाह कह जाऊँ।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

"अर्श" said...

BAHOT SAHI BAAT KAHI HAI GURU DEV AAPNE... KUCHH TO UDAHARAN MERE PAAS BHI HAI...


ARSH

काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif said...

बगैर दिये कभी कुछ मिला है जो आपकॊ कुछ मिलेगा।
जो देता है उसे ही मिलता है, वो कहते है ना की

"कुछ पाने के लिये कुछ खोना पडता है"

अर्कजेश said...

जो तुमको हो पसन्द वही बात कहेंगे,
तेरह को अगर सात कहो सात कहेंगे ।

मुनीश ( munish ) said...

nice but i nevet comment unnecessarily! u are really GREAT thatz y im commenting here!

मुनीश ( munish ) said...

read 'never'

Sanjay Grover said...

lijiye, 22viN DAAD meri lijiye. Badle meN KHAAJ mat chhorh jaayiega mere blog par..