Thursday, 31 January 2008

कुछ भेंगे से शेर अर्ज़ करना चाहता हूं

आपने मेरी खड़ी खड़ाई ग़ज़ल को पसंद किया उसके लिये पार्टी आपका शुक्रिया अदा करती है और विश्‍वास दिलाती है रवि रतलामी जी को कि सभी प्रकार की वे ग़ज़लें उनको सुनने को मिलेंगीं जो वे चाहते हैं

shahrukh42 copy

अर्ज़ किया है

बाप को उनके बनाते मूर्ख हम चुपचाप से

और माशूका के भाई के भी बचते ताप से

या ख़ुदा तूने हमें भेंगा बनाया क्‍यों नहीं

देखते महबूब को और बात करते बाप से

1 comment:

मुनीश ( munish ) said...

nice picture, ha..ha..hakari sher!!vah!