आपने मेरी खड़ी खड़ाई ग़ज़ल को पसंद किया उसके लिये पार्टी आपका शुक्रिया अदा करती है और विश्वास दिलाती है रवि रतलामी जी को कि सभी प्रकार की वे ग़ज़लें उनको सुनने को मिलेंगीं जो वे चाहते हैं
अर्ज़ किया है
बाप को उनके बनाते मूर्ख हम चुपचाप से
और माशूका के भाई के भी बचते ताप से
या ख़ुदा तूने हमें भेंगा बनाया क्यों नहीं
देखते महबूब को और बात करते बाप से
1 comment:
nice picture, ha..ha..hakari sher!!vah!
Post a Comment