Saturday, 19 January 2008

दस-पाँच लडका एक संतोस, गदहा मरले कबहूँ न दोस

अगर आपका नाम संतोष है तो लीजिये आपके लिये एक संतोष की बात-
एक मुहावरा है-दस-पाँच लडका एक संतोस, गदहा मरले कबहूँ न दोस
कहानी इस प्रकार थी-
कुछ लडकों ने एक गदहा मारा. उसके बाद सभी एक पंडित के पास यह जानने के लिये गये कि गदहा मारने पर क्या दोष लगता है. पंडित ने इसे महापाप बताते हुए, उससे मुक्ति के लिये अनेक लंबे-चौडे विधान बताए. इस पर किसी ने कहा कि पंडितजी, आपका लडका संतोष भी इसमें शामिल था. इसके बाद पंडितजी ने निम्नलिखित व्यवस्था दी-
-दस-पाँच लडका एक संतोस, गदहा मरले कबहूँ न दोस
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पृष्ठ 417, कहावत कोश, बिहार राष्ट्र भाषा परिषद

1 comment:

vivek said...

bhai kahani toh bata di matlab bhi batao