Wednesday, 9 January 2008

माल -ए -मुफ्त ,दिल -ए -बेरहम


सिरहाने मीर के न बातें करो लीगल और इल्लीगल की ,
के सूती है आज उसने एक अदद बोतल CHIVAS रीगल की !!

6 comments:

अमिताभ मीत said...

क्या सूती है "मीर" चचा ने, फ़कीर से रीगल हुए
अपनी भी किस्मत जागेगी, वो आज हुए हम कल हुए

अमिताभ मीत said...

क्या सूती है "मीर" चचा ने, फ़कीर से रीगल हुए
अपना भी दिन आएगा, वो आज हुए हम कल हुए

विनीत कुमार said...

daaru ki botal ki tasbeer daalkar lalchaaya na kare, sirji

Anonymous said...

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मुनीश ( munish ) said...

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Ashok Pande said...

बहुत सी सूत गया, फ़िर न बोला कुछ
मैं मीर मीर कहके उसको बहुत पुकार रहा