Monday 2 June 2008

गोबर की गुणवत्ता

सस्ता शेर मंडली के द्वारा जनहित मे जारी .. आवश्यक सुचना


इस वर्ष बोर्ड के पेपर भैस ने खा लिये है अब विद्यार्थियो को गोबर की गुणवत्ता के आधार पे नंबर दिया जायेगा ..

और अंत मे एक सस्ता विज्ञापन ...

उसकी याद मे हम सारी-सारी रात पीते रहे
कलेजा फ़ट कर बाहर आ गया उसे दिन भर सीते रहे

(वर्तनी की गलती अशोक जी के निर्देशानुसार सुधारी गयी है )

8 comments:

विजय गौड़ said...

अच्छा व्यंग्य है बंधु. सस्ते विग्यापन के बिना भी.
ऎसा सोचकर की बहुत छोटी सी पोस्ट है, यदि ऎसा किया तो शायद यह ठीक नहीं. इतनी मारक और छोटी सी टिप्पणी को हल्का बना दे रहा है आपका यह सस्ता विग्यापन.
एक अच्छे व्यंग्य के लिये पुनः बधाई.

अनूप भार्गव said...

बोर्ड के पेपर में जितनें भी प्रश्न कठिन निकले
भैंस के गोबर में उन सब के हल सही निकले ।

दीपक said...

विजय जी
धन्यवाद हौसला अफ़जाई के लिये ॥

दीपक said...

@anup ji
शुभान अल्लाह !!!!!
काश ये वारदात हमारी बोर्ड परीक्षा के समय होती !!

Ashok Pande said...

दीपक भाई, बुरा मत मानियेगा लेकिन कृपा करके अपनी पोस्ट्स में वर्तनी की ग़लतियों पर ध्यान दिया करें. आप की पोस्ट्स में यह लगातार होता आ रहा है और बावजूद अच्छा लगने के वर्तनी के कारण काफ़ी कुछ खटकता है मिसाल के लिये इस पोस्ट का शीर्षक यूं होना था: 'गोबर की गुणवत्ता'. 'जनहीत' नहीं 'जनहित' होता है. 'विद्यार्थीयों' नहीं 'विद्यार्थियों' होता है. इस पर मॉडरेटर इरफ़ान साहब ने भी तवज्जो देनी चाहिये.

शेर अच्छा है!

हां विजय भाई, विज्ञापन का 'ज्ञ' लिखने के लिये j~j का प्रयोग करें.

दीपक said...

जी जरुर !!

लेकिन यह गलती धीरे धीरे सुधरेगी तब तक धीरज रखियेगा ॥

यहा वर्तनी कि गलती शायद नही है

Ashok Pande said...

शुक्रिया दीपक भाई!

Tarun said...

Busy rehne ka kya andaj hai, raat ko pe pe kar phaaro fir din bhar use khud siyo....

Anup ji, bhains ke gobar ke gunvatta pehle pata hoti to board ke exam ke liye mehnat nahi karni parti...