Thursday, 12 June 2008

जूते उतार के .....

अभी हाल ही में एक मंदिर में सम्पन्न हुए कवि सम्मेलन के दौरान जन्मा ये शेर हाज़िर है :

आलू, अंडे और टमाटर की बौछार के बाद

हमारे कवि मित्र सुरक्षा का आभास पाते हैं,
मंदिर में होने वाले कवि सम्मेलन में

श्रोता जूते उतार के आते हैं ।

2 comments:

Anonymous said...

bahut khub
aise he mehfil jamaye rakhen (fridge me daal kar)

दीपक said...

चलिये आप ने सस्ते शेर के मुशायरे के लिये दुनिया की सबसे सुरक्षीत जगह खोज ली