Saturday, 11 October 2008

जी चाहता है...

बड़ी तवक्को के साथ हाज़िर कर रहा हूँ...सस्ता शे'र पर पोस्ट किये गये शे'रों में सबसे पाक़ शे'र...दिल थाम के पढिये...फ़िर जी खोल के मुझे गालियाँ(दाद) दीजिये-

जी चाहता है तेरी ले लूँ,
.
.
सारी मुसीबतें उम्र भर के लिये,
.
.
तुझ को देख कर मेरा उठा है,
.
.
हाथ दुआ करने के लिये....

3 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

bhai wah

Shailendra said...

एक और हाथ उठा 'चटाक' के लिए
आखिर उम्र भर की मुसीबतें जो ली है

मुनीश ( munish ) said...

sundar rachna !