Wednesday, 18 June 2008

कर दिया इज़हार-ए-इश्क


एक वास्तव में सस्ता शेर हाज़िर है ..

कर दिया इज़हार-ए-इश्क,
हम ने टेलीफ़ोन पर
लाख रुपये की बात थी,
दो रुपये में हो गई ।

8 comments:

इरफ़ान said...

ये तो बडा अच्छा किया आपने. अब बचे हुए रुपये क्या करेंगे?

Udan Tashtari said...

सही है माहराज..वरना मंहगी पड़ जाती. :)

अमिताभ मीत said...

बाक़ी बचे पैसों में और कितनी बार हो सकता है ये काम ?

Pratyaksha said...

सचमुच सस्ता है ...:)

अनूप भार्गव said...

इरफ़ान भाई !
अब खुद ही हिसाब लगाइये कितने टेलीफ़ोन और करने है ? :-)

पारुल "पुखराज" said...

अनूप जी ,बिना कहे नही रह पा रही हूं

"इज़हार-ए-इश्क,आपने
महंगा किया हुज़ूर
लाखों का दिया दिल
बचाया बस एक बिल ??" :))

Anonymous said...

ab to 2 rupye ki bhi nahi rahi, suna hai call dar sasti ho gayi hai ;)

bahut khoob,

hum bare dino baad aaye hain,
yun hi nahi jayenge
abhi to filhaal jaate hain
raat me apna sasta sher laayenge

Shailendra said...

ये बाकि के पैसे भी वही लगने है लगा लो शर्त