भई ! सस्ते शेर लिखते लिखते सोचा क्यो न आज एक सस्ती त्रिवेणी लिखी जाए तो पेले खिदमत है जयपुर के चांदपॉल बाज़ार में मिलने वाली सस्ती त्रिवेणी ....
तेरे भाइयो ने मुझे ऐसे पीटा
जैसे हू मैं कोई कच्छा धारीदार
बस धोया भिगोया और हो गया..
महंगाई के दौर में एक राहत की सांस
2 comments:
वो तेरा भाई था कि थानेदार था
कच्छा हुआ सफ़ेद जो धारीदार था
उफ़्फ़ क्या शेर मारा है !!!!हा हा
सही है
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