Saturday, 28 June 2008

शेर कुछ ऐसे सुना था ...

दिल के अरमां आँसुओ मे बह गये
उसके बच्चे हम को मामु कह गये ।

9 comments:

Anonymous said...

vha vha bhut khub.jari rhe.

आशीष कुमार 'अंशु' said...

बहूत खूब

Anonymous said...

चाचा या ताऊ कह जाते तो क्‍या कर लेते।

Sanjeev said...

बैठे-बैठे कुछ तो किया ...
अमां बैठे-बैठे कुछ तो किया ...
अबे और कुछ नहीं तो पजामा फाडकर सिया करो

दीपक said...

हा हा हा सही है !! सुबह हो गयी मामु

मुनीश ( munish ) said...

im with Deepak, ha.......ha...ha......!!

मुनीश ( munish ) said...

im with Deepak, ha.......ha...ha......!!

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

बड़े दुःख की बात है अनूप भाई. अब यह दुःख गारत करने के लिए बजट बनाइये, हम आपके साथ रहेंगे.

editor said...

Umda blog hai....lutf aa gayaa :)