Wednesday, 13 August 2008

शोभना चौरे की शायरी: नमूने देखें

दोस्तो ये जमाना क्या हो गया है,
जिसे चाहा वो बेवफा हो गया है|

तुम्हारे लिए तुम्हे ही छोड़ दिया है,
सिर्फ़ अल्फाजो से क्या होता है,
मेने अपने ज़ज्बतो को भी छोड़ दिया है|


सवालो के जंगल मे घूमते हुए
जिंदगी खो देते हम,
जवाबो की चाहत मे शातिर हो बैठे हम

ये कहना आसान है,
बंदे मासूम है आप
इस मासूमियत मे,
अपनी काबिलियत गवा बैठे हम|