हर अदा उसकी हरेक बात बुरी लगती है,
ब्याह हो जाये तो ये ज़ात बुरी लगती है,
ऐसे में तज़ुर्बे से गुज़रा हूँ यारों कि मुझे,
हर निकलती हुई बारात बुरी लगती है,
जब कहीं बन-सँवर के जाने लगूँ,
मुझसे करती है सवालात बुरी लगती है,
सख्त गर्मी में भी नहाने के लिये,
देने पड़ते हैं वज़्हात, बुरी लगती है,
कहाँ छूने की तमन्ना थी और अब ये आलम,
जब लगाती है मुझको हाथ बुरी लगती है...
3 comments:
वाह-वाह
laajawaab!
par aap aashwast ho len ki "sawaalaat" striling hai ya fir bahuvachan pulling!
main bilkul aashwast hun, sher ka doosra misra is tarah padhaa jayegaa-
मुझसे करती है सवालात , बुरी लगती है.
yahaan sawaal/sawaalaat buray nahi lagte, unko karne waalaa (jo ki ek stree hai) buraa lagtaa hai.
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