इश्क़ में ज़िन्दगी मुहाल न हो,
तेरे जैसा हमारा हाल न हो,
ऐ ख़ुदा इतना पेट भर देना,
फिर कभी ख्वाहिश-ए-रियाल न हो,
वो भी रखता है जेब में कन्घी,
एक भी सर पे जिसके बाल न हो,
इश्क़ उससे कभी नहीं करना,
जेब में जिसके माल-वाल न हो,
उसको तोहफ़े में गालियाँ देना,
जिसकी शादी में श्रीमाल न हो,
बीवीयाँ खुश रहा नहीं करतीं,
खून में जब तक उबाल न हो...
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
4 comments:
tajurbe ko achcha bayan kiya hai
हर बार की तरह मज़ेदार
nice
Khoon mein jab "TALAK" ubaal kahana zyada achha rahta.
Post a Comment