Friday, 17 October 2008

इश्क़ में ज़िन्दगी मुहाल न हो...

इश्क़ में ज़िन्दगी मुहाल न हो,
तेरे जैसा हमारा हाल न हो,

ऐ ख़ुदा इतना पेट भर देना,
फिर कभी ख्वाहिश-ए-रियाल न हो,

वो भी रखता है जेब में कन्घी,
एक भी सर पे जिसके बाल न हो,

इश्क़ उससे कभी नहीं करना,
जेब में जिसके माल-वाल न हो,

उसको तोहफ़े में गालियाँ देना,
जिसकी शादी में श्रीमाल न हो,

बीवीयाँ खुश रहा नहीं करतीं,
खून में जब तक उबाल न हो...