Tuesday, 18 September 2007

कुत्ता नहीं हूँ



कोई गलत अर्थ मत निकालिए। यह एक ब्लॉगर का आत्म चित्र है।








Irfan said....
और ये एक शायर है...
अर्ज़ करता है----

तेरी याद में मैं कुत्ता बन गया हूं,
यक़ीन न हो..तो ले..भौं-भौं.

1 comment:

Udan Tashtari said...

बहुत गजब भौंका-इरशाद!!