Thursday 13 September 2007

वाह क्या संतरा था !!


दूर से देखा तो सन्तरा था,
पास जाके देखा तो सन्तरा था,
छील के देखा तो भी सन्तरा था,
खाके देखा तो भी सन्तरा था,
वाह भाई क्या सन्तरा था

2 comments:

ajai said...

खाते कल हैं बताते आज हैं
गुरू आप तो बड़े संतारेबाज हैं

इरफ़ान said...

भई वाह! क्या बात कही है.