Sunday, 8 June 2008
कमबखत बादल छाए हैं
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आज बारिश का शेर ।।
वाह वाह भाय बादल छाए हैं ।
वाह वाह भाय बादल छाए हैं ।
वाह वाह भाय बादल छाए हैं ।
अबे चुप कमबखत चेक कर
हमने अपने छाते सिलवाए हैं ।
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3 comments:
:O ha ha ha...bahut khuub!samayeek sher hai!
:);) bahut khub
हाय-हाय भाय...कितने पैबंद लगवाये हैं?
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