Sunday, 23 September 2007

अंगड़ाई वो लेती है, दम मेरा निकल जाता है!


अंगड़ाई वो लेती है, दम मेरा निकल जाता है!
अंगड़ाई वो लेती है, दम मेरा निकल जाता है!
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अरे ज़ालिम पर्फ़्यूम लगाने में तेरा क्या जाता है ?!!!!







2 comments:

VIMAL VERMA said...

अंगड़ाई का अंदाज़ अब बदलना होगा,
परफ़्यूम अब माथे पर लगाना होगा... हे हे ही ही ह.... अच्छा है

ajai said...

वो नहाती होगी बस एक दिन ,कई महीनों में
मुझे तो तुझपे तरस आता है.
क्या तेरी हायीट कम है ,
क्यों तेरा नाक वहीँ जाता है.