Wednesday, 26 September 2007

वो देखो शेर मारा !!

कितने तरह का होता है लक
जब ठीक है तो गुड लक.
जब बुरा है तो बैड लक.
लेकिन जब झंड हो तो -मिसबाह उल हक

4 comments:

Yunus Khan said...

वाह वाह वाह । बहुत सही ।

VIMAL VERMA said...

क्या गलती से मिस्टेक होने को आप झन्ड समझते हैं!
क्या खूब समझते हैं क्या खूब समझते हैं!!

Anonymous said...

bahut achche.Kahin par nigahen kahin par nishana. Khair Itna kahana chahunga ki misbah- ul-haq ke spelling mein Hu aur h ko bracket( )mein kar dena tha.

Udan Tashtari said...

:) सही!!