Thursday, 13 September 2007

अर्ज़ किया है

इख़्तेयार-ए-तबस्सुम की लौ को तरन्नुम में नुमाइश से आगाह देना,
इख़्तेयार-ए-तबस्सुम की लौ को तरन्नुम में नुमाइश से आगाह देना,
इख़्तेयार-ए-तबस्सुम की लौ को तरन्नुम में नुमाइश से आगाह देना,
-----------
----
--
और जब इसका मतलब पता चले तो आप हमको भी बता देना.
-------------------------------------------------------------------------------
-------------------------------------------------------------------------------



नीचे जो शेर यूनुस भाई ने भेजा है, उसे सुनने दर असल ये चले आते हैं, बल्कि ले आये जाते हैं.

1 comment:

Udan Tashtari said...

नहीं पता चल पाया मतलब, अब??