Friday 7 December 2007

अश्लील शेर

वो आगे आगे वस्ल का वादा किये हुए
हम पीछे पीछे सिर पे चारपाई लिए हुए

(मेरे मित्र सी एस तिवारी का सुनाया शेर)

12 comments:

इरफ़ान said...

chaarpaaee kaa meter thoda sa theek kar dein to yah sher deewaan kaa hissaa hone ka haq rakhta hai. jame raho.jay borchi.

Ashok Pande said...

*तो यूं कर दें इरफान? :

वो आगे आगे वस्ल का वादा किये हुए
हम काँधों पे, पीछे भगें खटिया लिए हुए

Anonymous said...

हां, अब बात और भाषा में सामंजस्‍य हो गया है। मीटर की बात तो इरफान ही बताऐंगे।

अभय तिवारी said...

इक हमरौ सुझाओ:
वो आगे आगे वस्ल का वादा किये हुए
पीछे पीछे हम चलें चारपाई लिए हुए

Anonymous said...

कुछ ऐसा कर सकते हैं
वो आगे आगे वस्‍ल का वादा किये हुए
हम पीछे चारपाई को सर पर लिये हुए

Ashok Pande said...

यारो, बस ज़रा एक बार और थोडा ज़ोर लग जाये, तो इरफान की बात भी रह जाये, मेर अरमान भी निकल जाये। प्लीज़, प्लीज़ ... पिलीज

इरफ़ान said...

मित्रो, मीटर वाली बात कह कर मैं फंस गया हूं. कृपया और अधिक सुझाव न भेजें. अशोक पांडे वो नहीं हैं जो हम समझ बैठे हैं. खुद उन्हीं से उधार लें --
बखत बखत की बात है
मुरगी मारे लात है.

क्षमा प्रभु.

Ashok Pande said...

क्या गुरु, ऐसी क्या जबरजस्ती है और ऎसी क्या फंसान। मुझे वाकई शिद्दत से इंतज़ार है सही मीटर का। जे बोर्ची बाबा की। क्षमा मुझे दीजे प्रभु जी!

चंद्रभूषण said...

वो आगे-आगे वस्ल का वादा किए हुए
हम पीछे-पीछे हाथ में चद्दर लिए हुए।

कैसा रहेगा? चारपाई की जिद कुछ ज्यादा ही कुलीनतावादी लगती है। सिर्फ चद्दर बिछ जाए तो भी क्या कम आनंद है!

Anonymous said...

द फस्ट पराइज गोज टू: चंदू रद्दीवाला फिराम दिल्ली। थैंक यू चंदू भाई। इरफान तो डरा के निकल गए।

मुनीश ( munish ) said...

aji chaddar bhi kaun jaroori hai . Bus vo vaada kiye hue aur hum irada liye hue. kyun?

Anonymous said...

चद्दर ठीक है, इरादा हाथ में जमा नहीं, पर हाथ में कुछ और आ जाये (समझ गये ना) इससे अच्छा है।