Sunday, 9 December 2007

आओ कहीं अद्धा पियें

कुछ भी बचा न कहने को, हर बात हो गयी,
आओ कहीं अद्धा पियें, अब रात हो गयी

1 comment:

मुनीश ( munish ) said...

oye hoye ye sitam, ye qayamat!! bhai saab main mar jaavan gud kha ke!