भिलाई छ्त्तीसगढ के एक खास हास्य कवि है श्री सुरेंद्र दुबे उनकी कुछ लाइने पेश कर रहा हुँ जो मुझे याद है ॥ संदर्भ यह है कि एक परिवार ने यह निश्चय किया कि जो भी कहेंगे महाभारत शैली मे कहेंगे !!अब सुबह का दृश्य है पत्नी पति को उठा रही है ॥
आर्य पुत्र उठीये अब तक शैय्या पर कैसे है
डार्लींग तुम्हारे पर्स मे चिल्हर पैसे है
सुबह से दुध वाला चिल्ला रहा है
चिल्ला-चिल्ला के हस्तीनापुर का सिहांसन हिला रहा है ॥
दुसरा सीन देखीये जब शादीशुदा लाला भिष्मपितामह की स्टाईल मे मर रहा है !!
मै जा रहा हुँ माते
बंद कर देना मेरे बैंक के चालु खाते ॥
मै दुर्योधन की हैंडराईटींग से डर रहा हुँ॥
शक्कर का व्यापारी हुँ,डाइबिटीज से मर रहा हुँ ॥
Friday, 25 July 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
वाह कया स्टाईल हे,धन्यवाद
Post a Comment