Saturday, 26 July 2008

अब इसे क्या कहेंगे?

इसे चचा गालिब के पड़ोसी ने सुनाया था-

"बड़ी अम्मा के मरने पर बड़े किस्से बयाँ निकले,
जहाँ जहाँ क़बर खोदी,वहीं पे अब्बा मियाँ निकले"

3 comments:

Sumit Pratap Singh said...

badhiya sher hai.

राज भाटिय़ा said...

अजी वाह बडी अम्मा जरुर हसीन रही होगी

अनूप भार्गव said...

बड़ी अम्मी को नमन !