एक मजाहिया फिल्म अभिनेता हुए हैं मुंशी मुनक़्क़ा.
मुग़ल-ए-आज़म और पाकीजा जैसी फिल्मों में उन्होंने काम किया था.
मुनक़्क़ा साहब सिर्फ अभिनेता नहीं थे बल्कि मजाहिया शायरी भी किया करते थे.
पेश-ए-खिदमत है उनका कता-
कभी इज्ज़त का मिलता है
कभी ज़िल्लत का मिलता है
मगर मजबूत और बढ़िया
बड़ी बरकत का मिलता है.
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2 comments:
WAH JI WAH Dil khoos kar diayaa
अरे भाई क्या मिलता है....???
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