Monday, 8 October 2007

अशोक पांडे को सप्रेम.....


मिल गये नेट-कैफ़े में आज जनाब अब्दुर्रहीम खानखाना,
अमा,मिल गये नेट-कैफ़े में आज जनाब अब्दुर्रहीम खानखाना,
देखा के मुस्का रए हैं ओ बी पढ़-पढ के कबाड़खाना

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