पाद - ए - मेहबूब से टुक टेढ़ी न हुई नाक
हैरां हैं मिरी नाक का वो सबर देख के (वास्तविकता)
बो निगह तो ज़रा फेरे, मैं नाक बन्द कर लूं
बिस्कू तो मजा आ रिया है मिरी कबर देख के (ग़ैब)
(इरफान ! ज़रा ग़ैब वाला हिस्सा देख लओ साब और दुरुस्त कल्लो या हटा लओ )
Sunday, 14 October 2007
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