Tuesday 13 November 2007

अकबर चचा के अशआर : २


नहीं साइंस वाकिफ कारे-ए-दीं * से
खुदा बाहर है हद्द-ए-दूरबीं ** से
मशीनों ने किया नेकों को रुखसत
कबूतर उड़ गए इंजन की पीं से
बिसात-ए-हलक़-ए-म्युनिसिपल *** देख
तुझे क्या काम है जापान-ओ-चीं से

-अकबर इलाहाबादी

*मजहबी काम
**दूरबीन की सीमा
***नगरपालिका के अन्दर आने वाला इलाका

1 comment:

मुनीश ( munish ) said...

mazaa a gya ji. ye word meaning ka silsila achchi shuruaat hai pls. jaari rakhen.