यारो इक दिन मौत जरूर ।
फिर क्यौं इतने गाफिल होकर बने नशे मे चूर ।
यही चुड़ैलें तुम्हे खायेंगी जिन्हें समझते हूर ।
माया मोह जाल की फांसी इससे भागो दूर ।
जान बूझकर धोखा खाना है यह कौन शऊर ।
फिर क्यौं इतने गाफिल होकर बने नशे मे चूर ।
यही चुड़ैलें तुम्हे खायेंगी जिन्हें समझते हूर ।
माया मोह जाल की फांसी इससे भागो दूर ।
जान बूझकर धोखा खाना है यह कौन शऊर ।
1 comment:
इन से कहाँ भाग कर जाईएगा
जहाँ जाईएगाअ इन्हें पाइएगा।
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