Monday 31 December 2007

KASAULI(HIMACHAL) ME EK BOARD PE LIKHI IBARAT

FUCK FEAR ,
DRINK BEER,
HAPPY NEW YEAR.

नया साल मुबारक

पुराना साल ये जा रहा है,नया साल वो आ रहा है ।
देखें कौन क्या पी रहा है ,और कौन क्या खा रहा है? ॥

ब्लॉगर बेचारा रात-रात भर,रात-रात भर जाग रहा है ,
उसे क्या खबर कौन क्या पी रहा है और क्या खा रहा है ।
(दद्दा इरफान! कुछ पता लगे तो बता दीजो
फिलहाल तो मेरे 'सेर ' पे ना खीजो .)

Sunday 30 December 2007

सस्ती महफ़िल में एक चेन्ज के वास्ते

आज कुछ और पढ़वाया जाए भाई लोगों को. शुन्तारो तानीकावा जापानी शायर हैं. उन्हीं की चार लैना:

खाली पेट एक बच्चा उदास था क्योंकि खाली था उस का पेट
भरे पेट वाला एक राजा उदास था क्योंकि भरा हुआ था उस का पेट
बच्चे ने हवा की आवाज़ सुनी, राजा ने संगीत सुना
दोनों की आंखों में आए आंसू, यहां - इसी नक्षत्र पर।

mujhe daad na dene valo ke naam...

YE GUL O' NAGMA SHAAYRI, MERE GEET MAST AUR GHAZAL,
BADE LOGON KI BAATEIN HAIN, NAHI BACHCHON KE YE SHAGAL

Wednesday 26 December 2007

nostalgia

yaad un shamo ki ab bhi basi hai meri nason mein,
vo le ke pavva karna safar roadways ki Buson mein.

सर्वहारा शेर

डरो ट्रेन से नहीं, डरो ट्रक से नहीं, डरो ब्लू लाइन से नहीं....2
उनमे तो फिर भी ब्रेक होता हैं...
डरो तो उस रिक्शे से जिसमे किसी का खून जलता हैं..

Sunday 23 December 2007

इस दफ़ा जनाब बशीर बद्र से माफ़ी मांगते हुए

कोई पान भी न खिलाएगा, जो पडे़ मिलोगे उधार में
ये नई दुकां है खुली यहां, कभी कैश पैसे दिया करो

Thursday 20 December 2007

बाग़ीचा-ए-अल्ताफ़

बाग़ीचा-ए-अल्ताफ़* में कुटिया मेरे आगे
धोता है हरेक वक़्त वो पजामा मेरे आगे

(बाग़ीचा-ए-अल्ताफ़: अल्ताफ़ भाई का कालाढूंगी स्थित आम का विख्यात बग़ीचा जहां अब आम नहीं उगते. उस बग़ीचे में अब शंकर की झोपड़ी है. शंकर कालाढूंगी का एक स्ट्रग्लर धोबी है. यह पूरी सूचना सत्य है. उपरिलिखित शेर इसी सूचना पर आधारित है.)

Wednesday 19 December 2007

शेर

शेर सुनने मे मजा आता है /शेर कहने मे मजा आता है /
शेर सामने आये तो फिर दौड़ने मे मजा आता है //

Tuesday 18 December 2007

मुकुल की भेजी शायरी

पहन मुद्रिका अंगुरी बांचत फिरत कबीर
यौं मूढन की गांठ हौ काहे हवत अधीर

- कुमार मुकुल


मांग के खाते थे रोटी और सोचते थे
जी रहे हैं लोग यूं भी कोटि-कोटि

- कुमार मुकुल

Monday 17 December 2007

इंटर गफिल्ला द किल किल द पौं पौं


हरसिंह उर्फ़ हरदा की छोटी सी दुकान है नैनीताल की सब्जी-अंडा-मीट मार्केट में। वो कई सालों से हमें कई सारे शेर सुनाते रहे हैं लेकिन एक अदभुत शेर है जिसका मतलब और जुबां आज तक समझ में नहीं आये। आप भी ट्राई कीजिए ककड़ी की तरी का यह स्वाद:

इंटर गफिल्ला द किल किल द पौं पौं
नार द कमसिन, फिल्टर झां पौं
झंको रे नत्ता, नत्ता झंको
नत्ता झंको, झंको नत्ता

Thursday 13 December 2007

सुनिये राग दरबारी से रामाधीन भीखमखेडवी का हाल हवाल


श्रीलाल शुक्ल का उपन्यास राग दरबारी किसी परिचय का मुहताज नहीं है. उधर हमने टूटी हुई बिखरी हुई पर कई दिनों से एलान कर रखा है कि हम वहाँ राग दरबारी आपको सुनवाएँगे. इसे शुरू न कर पाने में दुविधा यही है कि इसके प्रोडक्शन की गुणवत्ता को लेकर अभी मैं आश्वस्त नहीं हूँ. अब, जब कि अशोक पांडे ने रामाधीन भीखमखेडवी को सस्ते शेर की महफिल में आमंत्रित कर ही लिया है, तो ये मौज़ूँ लगता है कि जैसा भी है इसे एक बानगी के तौर पर आपके सामने पेश करूँ. आपको कैसा लगा- राय भेजियेगा.
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क़िस्सागो: मुनीश

Dur. 08 Min. 43 Sec.

रामाधीन भीखमखेडवी उर्फ़ कल्लोपरी का सबसे पुराना आसिक


'राग दरबारी' जिसने नहीं जानी, वो इसे न देखे

श्रीलाल शुक्ल जी के कालजयी उपन्यास 'राग दरबारी' के एक अविस्मरणीय चरित्र रामाधीन भीखमखेडवी की आत्मा ने कल शहर हल्द्वानी के डहरिया गांव में अपना शेर पूरा किया (परम आदरणीय श्रीलाल शुक्ल जी माफ़ कर देंगे इस शरारत पर)। प्रस्तुत है रामाधीन भीखमखेडवी का चौपाया:

रात को रोशन तू कर और चन्द्रमा सियाह बना
रात होते ही वो दरवाज़ों को सारे भेड जाती हैं
मुझे भी कभू नसीब हो वस्ल महज़बीनों का
कलूटी लडकियां हर शाम मुझको छेड जाती हैं

Tuesday 11 December 2007

मोहल्ले में कल्लोपरी का आगमन

धोखा मिला जब मोब्ब्त-ओ-बफा में, ज़िन्दगी में उदासी छा गई
सल्फ़ास का पैकेट लाया तो था, मोहल्ले में मगर कल्लोपरी आ गई

हिसाब बरोब्बर

१२ नवम्बर को विमल वर्मा जी ने एस एम एस वाली एक अदभुत कविता लगाई थी। आज मुझे एक सज्जन ने उसी का लम्बा वर्ज़न भेज डाला। कुछ जादै सस्ता हैगा:


मैं कल रास्ते में था

कि मेरी चप्पल टूट गई

अब चप्पल तो मोची सीता है

सीता तो दर्ज़ी भी है

दर्ज़ी तो कपडे सीता है

कपडे तो रंगीन होते हैं

रंगीन तो मग भी होता है

मग तो बाथरूम में होता है

बाथरूम में नल भी होता है

नल तो लोहे का होता है

लोहे की तो इस्तरी होती है

इस्तरी तो गरम होती है

गरम तो कस्टर्ड भी होता है

कस्टर्ड तो पीला होता है

पीला तो चूज़ा भी होता है

चूज़ा तो अण्डे से निकलता है

अन्डा तो सफ़ेद होता है

सफ़ेद तो दूध भी होता है

दूध तो भैंस देती है

भैंस तो काली होती है

काला तो बंगाली भी होता है

बंगाली तो पान खाता है

पान तो लाल होता है

लाल तो गुलाब भी होता है

गुलाब में तो कांटे होते हैं

कांटे तो मछ्ली में भई होते हैं

मछ्ली तो अच्छी होती है

अच्छा तो बन्दर भी होता है

बन्दर तो बन्दर होता है

पढ्ने वाले भी तो बन्दर होते हैं

जो पढ के अपना टाइम बरबाद करते हैं

...

खैर ऊपर वाले ने आप को भेजा तो भेजा

पर भेजा तो ऐसा भेजा

कि
भेजे में भेजा नहीं भेजा
...

ये मुझे किसी और ने भेजा

इस लिए मैंने आपको भेजा ।

आप को बुरा लगा?

तो आप किसी और को भेज दो

...

हिसाब

बरोब्बर

(अ) धार्मिक शेर : खुदा ही खुदा



इधर खुदा है, उधर खुदा है, जिधर भी देखो वहीं खुदा है
इधर उधर बस खुदा खुदा है, जिधर भी यारो नहीं खुदा है ...

वहाँ कल खुदेगा।

Monday 10 December 2007

पाठ कुपाठ : ठेठ ब्रुक हिल का ठाठ

(कबाड़खाना के पन्नों पर कई दफा ब्रुक हिल का ज़िक्र आया है । नैनीताल में यह एक आम छात्रावास देश-दुनिया के बाक़ी छात्रावासों की तरह ही था । यहाँ पर भी और जगहों की तरह कुछ न कुछ रोज नया रचा जाता रहा-कुछ ठेठ कुछ भदेस । उसी में से कुछ माल कम्पनी के प्रचार के वास्ते और आम जनता के फायदे के बाबत यहाँ डिस्पले किया जा रहा है। माल नंबर एक का उत्पादंकर्ता आजकल चेन्नई में साइंस पढा रिया है और माल नंबर दो वाला इस नाचीज़ को ही मान लें ।)

एक नंबर(का माल)-

रात के अँधेरे में मेरे सिर पर बजती है ,
तीन सूत की सरिया तडा ताड़ -तडा ताड़ ,तडा ताड़ ,तडा ताड़, तडा ताड़ .....

दो नंबर (का माल)-

तेरे हुस्न की मिसाइल मेरे दिल के पता नहीं किस स्तान पर गिरी है,
पर जे तो जुलुम है तू अंतर्राष्ट्रीय संस्था की तरह चुप-सी काय कू खड़ी है।

मोब्बत पे घटिया शेर

उनका नाम लिख के जो, धूप में रख दूं तो
उन्हें पसीना आ जाये, ऎसी मेरी मोब्बत है

लोग कहते हैं: "पी के आया है"

हर तरफ खामोशी का साया है
जिस को देखो वही पराया है
गिर पड़ा हूँ मुहब्बत की मार से
लोग कहते हैं: "पी के आया है"

Sunday 9 December 2007

शमशान में पिया करूंगा

कफ़न के भीतर मेरे इक बोतल छुपा देना, शमशान में पिया करूंगा
जब हिसाब मांगेंगे भगवान् जी, उन्हें भी थोड़ी दिया करूंगा

आओ कहीं अद्धा पियें

कुछ भी बचा न कहने को, हर बात हो गयी,
आओ कहीं अद्धा पियें, अब रात हो गयी

Friday 7 December 2007

अश्लील शेर

वो आगे आगे वस्ल का वादा किये हुए
हम पीछे पीछे सिर पे चारपाई लिए हुए

(मेरे मित्र सी एस तिवारी का सुनाया शेर)

Thursday 6 December 2007

BHAVUKTA KE PAL

FALAK PE SITARON KO NEEND AA RAHI HAI
FALAK PE SITARON KO NEEND AA RAHI HAI,
TERI AISI KI TAISI.....TU AB AA RAHI HAI!!!

Sunday 2 December 2007

इस बार हैरी बैलाफोंते के बहाने अंग्रेजी के सस्ते शेर

'किंग ऑफ़ कैलिप्सो' के नाम से मशहूर उस्ताद हैरी बैलाफोंते जमैका के सफलतम गायकों में थे। मानवतावादी सरोकारों और नागरिक अधिकारों की पैरोकारी करते रहे और हाल के दिनों में (फिलहाल वे अस्सी के हैं) अमरीकी झाड़ जॉर्ज बुश के सबसे मुखर विरोधियों में शुमार होते हैं। ' Man Smart, Woman Smarter' उनकी लोकप्रिय रचना है। फिलहाल अंग्रेजी बोल लगा रह हूँ। समय मिलते ही हिन्दी अनुवाद लगाने की कोशिश करूंगा.



I say let us put man and a woman together
To find out which one is smarter
Some say man but I say no
The woman got the man de day should know

And not me but the people they say
That de man are leading de women astray
But I say, that the women of today
Smarter than the man in every way

That’s right de woman is uh smarter
That’s right de woman is uh smarter
That’s right de woman is uh smarter, that’s right, that’s right

Ever since the world began
Woman was always teaching man
And I you listen to my bid attentively
I goin’ tell you how she smarter than me

Samson was the strongest man long ago
No one could a beat him, as we all know
Until he clash with Deliah on top of the bed
She told them all the strength was in the hair of his head

You meet a girl at a pretty dance
Thinking that you would stand a chance
Take her home, thinking she’s alone
Open de door you find her husband home

I was treating a girl independently
She was making baby for me
When de baby born and I went to see
Eyes was blue it was not by me

Garden of Eden was very nice
Adam never work in Paradise
Eve meet snake, Paradise gone
She make Adam work from that day on

Methuselah spent all his life in tears
Lived without a woman for 900 years
One day he decided to have some fun
The poor man never lived to see 900 and one

Saturday 1 December 2007

bhaaiyon.........

ZAMANE SE NA DAB GALIB TU USKE LIYE HO JA HAUVVA,

KHEESE KO KAR ZARA DHEELA, HALAK SE UTAR LE PAUVVA.