दोस्तो, ये शेर चश्मदीद गवाह होने का नतीजा है. दरअसल हमारे एक मित्र दूल्हा बन जब अपनी बारात ले कन्या (अब हमारी भाभी) के दर पर पहुंचे तो दीवार पर एक ख़तरनाक शेर लिखा देखा. मामला बिगड़ते-बिगड़ते बचा. आनन-फानन में यह शेर दीवार से मिटा दिया गया. बाद में पता चला कि यह दूल्हे मियाँ की उन 5 सालियों की करतूत थी जो सनी देओल की जबरदस्त फैन थीं और 'ग़दर' फ़िल्म के गहरे असर में थीं. शेर मुलाहिजा फ़रमाइए:-
दूध मांगोगे तो खीर देंगे,
दहेज मांगोगे तो चीर देंगे.
Monday, 5 May 2008
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5 comments:
wah wah !
दुल्हन ही दहेज़ है.
दहेज़ लेना पाप है.
याने वहा आप जो मांगेंगे वो आपको नही मिलेगा .आप्को भी फ़रमाना था ना जनाब ...
धमकी के बदले गाली देंगे "
दुल्हीन के बदले साली लेंगे
दीपक भाई, वर और वधू पक्ष की सिचुएशन देख कर हमारी सिट्टी-पिट्टी गुल थी. ऐसे में शेर के जरिये जवाब देने की प्रतिभा कहाँ से लाते? हीहीही!
हालांकि बाद में पाँच में से एक साली हमारे दूसरे दोस्त को बतौर दुल्हन प्राप्त हो गयी थी. भरपाई हो गयी.
hari om !!
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