Thursday, 1 May 2008

थियोरी ऑफ रिलेटिविटी का तीसरा शेर


अभी तक आपने थियोरी आफ रिलेटिविटी के दो शेर सुने ।
आइंस्‍टीन ने थियोरी ऑफ रिलेटिविटी यानी सापेक्षता का सिद्धान्‍त
किन अवलोकनों के सहारे दिया था, हम नहीं जानते ।
लेकिन थियोरी ऑफ रिलेटिविटी की वैज्ञानिक शायरी करते हुए
'रेडुआई शेर' को मज़ा आ रहा है ।
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मिलो ना तुम तो हम घबराएं, मिलो तो आंख चुराएं ।
मिलो जो तुम तो भी घबराएं तो भी आंख चुराएं ।।
हमें क्‍या हो गया है ।।
अरे क्‍या हो गया है ।।

*चित्र साभार : www.artists.org से ।

1 comment:

राज भाटिय़ा said...

आप उस का कर्जा वपिस दे दो, फ़िर देखो केसे बेखोफ़ हो कर मिलो गे