Friday 2 May 2008

अबे देखता क्या है..

नमस्कार दोस्तो..

पेले खिदमत है यारो शेर मेरे सस्ते
महँगाई के दौर में भी है ये हंसते..

अब तक सस्ती टिप्पणिया ही देता रहता था.. सोचा इस महँगाई के दौर में आप लोगो को थोड़ी राहत तो दे ही दु... कुछ सस्ते शेरो से तो पेले खिदमत है हमारा पहला सस्ता शेर...



"इंसान की शॅक्ल में खड़ा है भालू...
अबे देखता क्या है ये है राम रोटी आलू.."

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2 comments:

VIMAL VERMA said...

गज़ब है आपका राम रोटी आलू
देखकर हो जाते हैं इनके ठेकेदार चालू

दीपक said...

राम रोटी आलू सस्ते शेर चालु !!
लोग सारे खोते ,शेर सारे सस्ते
आते रोते रोते जाते हँसते -हँसते "