Thursday 1 May 2008

रवि रतलामी ने भेजी दैनिक भास्कर की कतरन


अभी पिछले ही हफ्ते दैनिक हिंदुस्तान का एक कॉलम सस्ता शेर को समर्पित था और आज भाई रवि रतलामी ने मुझे दैनिक भास्कर की एक कतरन भेजी है जिसका भी एक स्तंभ सस्ता शेर के नाम किया गया है। हमने रवि भाई को आपकी तरफ़ से आभार और अपनी तरफ़ से आमंत्रण भेज दिया है. इन दोनों अख़बारों की तारीफ़ में एक क़सीदा तो काढिये भाई विजयशंकर!



कतरन को ठीक से पढने के लिये कर्सर उस पर ले जाकर डबल क्लिक कीजिये.

4 comments:

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

अभी देहली में आके हम पूरा इक ड्रम पी जावैंगे,

फिर उगने 'भास्कर' तक पूरा 'हिन्दुस्तान' देखेगा.

-विजय ड्रमसोखवी. (ऋषि अगस्त्य का वंशज हूँ. हाँ!)

इरफ़ान भाई, ५ बोतल पीके ट्राई किया है. कम हो गया है तो बताइए. और २-४ लीटर और जमा लूँ.

दीपक said...

क्या मिया अपने मुह मिया मिठ्ठु !!हा हा हा

सही है !!

हाथ पैर मे दम नही
पर हम किसी से कम नही "

मुनीश ( munish ) said...

aisa mat bolo deepak ! itz d' best blog after PRETTY WOMAN.HAVE U SEEN RAKSHOO"S blog ? kya mast , intelligent ladki hai yaar!

दीपक said...

ऐसा क्या मुनिष जी ?? बडी दूर कि कौडी लाये है आप ,बस ऐसे हि हमारा मार्गदर्शन करते रहियेगा !!

धनियाबाद