Monday 5 May 2008

ज़िन्दगी में हमेशा नये लोग मिलेंगे..............

ज़िन्दगी में हमेशा नये लोग मिलेंगे
कहीं ज़्यादा तो कहीं कम मिलेंगे
ऐतबार ज़रा सोचकर करना
मुमकिन नहीं, हर जगह तुम्हें हम मिलेंगे

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लोग अपना बना के छोड़ देते हैं
रिश्ता गैरों से जोड़ लेते हैं
हम तो एक फूल भी न तोड़ सके
लोग तो दिल भी तोड़ देते हैं

5 comments:

Keerti Vaidya said...

humm...acha kha jo bhi kha....

दीपक said...

विमल जी !

पहले तस्सली तो कर लिजिये कि उनको आप पर भी एतबार है कि नही "

फ़िर आपने लिखा है कि आपने कभी फ़ूल नही तोडा !! सच कहिये झूठ बोल रहे है ना आप ??

हा हा हा हा .

(सादर क्षमा प्रार्थना सहित ...)

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

विमल भाई, ये तो मंहगी बात कह डाली अपने!

Batangad said...

वाह वाह वाह

Bandmru said...

मान या न मान मैं तेरा मेहमान

फ़िर भी मैं अपनी बात को रख रहा हूँ आप लोगो की महफ़िल में आकर फूल से मुझे भी एक सुना सुनाया शेर याद आ गया जो मैं आप के सामने रख रहा हूँ

फूलों से दोस्ती क्यों करते हो फूल तो मुरझा जातें हैं

दोस्ती करनी हैं तो काटों से करो जो चुभने के बाद भी याद आतें हैं ।

वैसे आपके शेर के क्या कहने लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब हैं ।

मेरी भी एक इच्छा हैं की मुझे भी अपनी महफ़िल का सदस्य बना लें इस के लिये मैं आप लोगों का आभारी रहूंगा

कृपया मुझे इस की सुचिना दे दे मेरा ईमेल हैं piayara.bhai@gmail.com या bandmru.blogspot.com पर भी मेरा ब्लॉग देख सकतें हैं ।

धन्यवाद