Wednesday 30 April 2008

जिनके पास कुछ भी नहीं,उनसे दुनियाँ जलती है

जिनके पास कुछ भी नहीं

उसपे दुनियाँ हँसती है,

जिसके पास सब कुछ है

उससे दुनियाँ जलती है,

आपके पास हमारी दोस्ती है,

जिसे पाने के लिये पूरी दुनियाँ तरसती है !!

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दिल तो अरमानों से हाउसफ़ुल है !

पूरे होंगे या नहीं, ये डाउटफ़ुल है !!

यूं तो दुनिया में हर चीज़ वन्डरफ़ुल है !

पर ज़िन्दगी, आप जैसे दोस्तों से ही ब्यूटीफ़ुल है !!

2 comments:

azdak said...

क्‍या चिरकुट ज़माना है.. फ़साना तो है ही.. शायराना नहीं है..

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

भाई साहब, काहे नाहक दुनिया पर इतना बोझ लादे हुए हैं? मुझ अज्ञानी के हिसाब से दुनिया में न तो चन्द्रबिन्दु रखा जाता है न बिन्दु. अलबत्ता रेखाजी मिल जाएं तो उन्हें ज़रूर बिठा सकते हैं, चलेगा. हा हा हा!